ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय का गुरूवार को निधन हो गया। उनकी उम्र 96 वर्ष की थी। एलिजाबेथ द्वितीय ब्रिटेन पर सबसे लंबे समय तक राज करने वाली शाही परिवार से हैं। वह 70 साल ब्रिटेन में शासन की। रॉयल परिवार की आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर जानकारी दी गई कि महारानी का आज दोपहर (ब्रिटेन के समयानुसार) बाल्मोरल में शांतिपूर्वक निधन हो गया। द किंग एंड द क्वीन कंसोर्ट आज शाम बाल्मोरल में रहेंगे और कल लंदन लौटेंगे। महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के निधन के बाद पूरे ब्रिटेन में शोक की लहर दौड़ पड़ी है।
क्वीन एलिजाबेथ के निधन के बाद उनके बड़े बेटे प्रिंस चार्ल्स राजा के तौर पर गद्दी संभालेंगे। खबरों के मुताबिक, उनके निधन के वक्त प्रिंस चार्ल्स के अलावा क्वीन एलिजाबेथ द्वितीय के बड़े पोते प्रिंस विलियम भी मौजूद थे, जबकि उनके छोटे पोते प्रिंस हैरी वहां पहुंचने ही
पीएम मोदी ने महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के निधन पर शोक जताया और कहा कि महारानी एलिजाबेथ द्वितीय को हमारे समय की एक दिग्गज के रूप में याद किया जाएगा। उन्होंने अपने राष्ट्र और लोगों को प्रेरक नेतृत्व प्रदान किया। उन्होंने सार्वजनिक जीवन में गरिमा और शालीनता का परिचय दिया। उनके निधन से आहत हूं। इस दुख की घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिवार और ब्रिटेन के लोगों के साथ हैं
महारानी एलिजाबेथ द्वितीय को राजगद्दी संभाले हुए 69 बर्ष हो गए है। उनकी ताजपोशी 2 जून, 1953 को की गई थी। तभी से वह न केवल ब्रिटेन बल्कि कनाडा,ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड सहित कॉमनवेल्थ देशों की रानी बनी हुई है। ताजपोशी के साथ एलिजाबेथ द्वितीय को एक और अधिकार मिला गया था, वो एक साल में दो बार जन्मदिन मनाने का मौका। गौरतलब है कि महारानी एलिजाबेथ द्वितीय ब्रिटेन में सबसे लंबे समय तक तख्त को संभालने वाली महारानी है। महारानी एलिजाबेथ द्वितीय साल में दो बार जन्मदिन मनाती हैं, इसको लेकर आप के मन में जरूर सवाल उठ रहा होगा कि आखिर में ऐसा क्यों? आइए इस बारे में जानते हैं।
इस दिन महारानी मानती थी जन्मदिन
दरअसल, ब्रिटेन की महारानी क्वीन एलिजाबेथ द्वितीय का जन्म 21 अप्रैल को हुआ था और वे इस दिन भी जन्मदिन मनाती है। लेकिन ब्रिटेन में राजगद्दी की ताजपोशी होने के बाद राजा या रानी के लिए दूसरे जन्मदिन का खास महत्व होता है। यह दूसरा जन्मदिन उनका अधिकारिक जन्मदिन होता है। दूसरे जन्मदिन को ब्रिटेन में एक खास दिन मनाया जाता है। इस खास दिन ब्रिटेन में बड़े सेलिब्रेशन के साथ सालाना परेड की आयोजित की जाती है। ब्रिटेन की ये परंपरा रही है कि जो भी राजा या रानी राजगद्दी संभालता है, वह जून माह में ही जन्मदिन मनाता है। क्योंकि वहां के हिसाब से इसे काफी अच्छा माना जाता है।
क्यों हुई आधिकारिक जन्मदिन की शुरूआत?
साल 1748 में किंग जॉर्ज द्वितीय की घोषणा के बाद हुई थी। इस दौरान उन्होंने कहा था कि राजघराने का कोई भी राजकुमार या राजगद्दी को संभालने वाले इंसान के जन्मदिन के अवसर पर बड़ा उत्सव होगा और परेड का आयोजन भी किया जाएगा। इसके बाद जब एडबर्ड ने राजगद्दी सभाले तो कई बड़े आयोजन किए गए और बार्षिक परेड का आयोजन किया गया। इसके पीछे ब्रिटेन की एक मौसम की रही थी।
दरअसल, एडवर्ड का जन्मदिन नवंबर में मनाया जाता था, तब ब्रिटेन में अधिक ठंड पड़ती है। जिसके बाद एडवर्ड के जन्मदिन के लिए 17 जूनका दिन तय किया गया। बता दें कि इस दौरान ब्रिटेन का मौसम थोड़ा गर्म रहता है. इसके बाद से राजघराने के राजकुमार व राजकुमारी राजगद्दी संभालने के बाद 17 जून को अपना अधिकारिक जन्मदिन मनाते हैं। यही वजह है कि 21 अप्रैल को जन्मी महारानी एलिजाबेथ द्वितीय अपना दूसरा आधिकारिक जन्मदिन 17 जून को मनाती है। अधिकारिक जन्मदिन को बड़े अवसर में तबदील किया जाता है और सालाना परेड का आयोजन भी इसी दिन किया जाता है।
कुछ इस प्रकार होता था माहौल
ब्रिटेन की राजगद्दी संभालने वाले के लिए आधिकारिक दिन काफी खास होता है, क्योकि इसे पूरे भव्य अंदाज में मनाया जाता है। इस मौके पर 14 बड़े अधिकारी और करीब 200 घोड़े शामिल होते है। इस मौके पर काफी ज्यादा मात्रा में सैनिक भी परेड में हिस्सा लेते है। इसके आलावा आधिकारिक जन्मदिन को खास बनाने के लिए 400 संगीतकार शामिल होते है और अपने धुन और संगीत से महफिल में चार चांद लगा देते है। यह परेड की शुरुआत महारानी के निवास बकिघम पैलेस से होती है और शहर के चक्कर लगाकर वापस लौटती है। इसे ‘ट्रूपिंग द कलर’ कहते है।